"ज़ज्बात-ए-जिस्म के तजुर्बे लेकर, आखिरश रूह की दुनियां में आना ही पड़ा..."
हमने इल्तजा की थी,
उनको शिकायत लगी.
हम खुश थे,
और
वो नाराज…
जिसने जो चाहा, वो पाया !!!
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